सावन और स्वार्थी शाकाहारी भक्त
इस बार सावन के दो महीने तक वैसे धार्मिक लोग भी शाकाहार मात्र पर रहेंगे जो शाकाहारी को कमतर मनुष्य समझते हैं और शाकाहार को गरियाते फिरते हैं तथा मांसाहार का गुण भगवा भक्तों की तरह गाते हैं।
पता नहीं, तमीज और अक्ल से हीन प्राणी ही ऐसे दोगले धार्मिक आहार प्रणाली पर रहते हैं या अन्य लोग भी?