सावन आया आई बहार
सावन आया,आई बहार
तु क्यो नही आया सजना।
सखी सहेली सब पूँछ रही है,
क्यों नही आया तेरा सजना।
मै क्या बताऊँ उन सखियों को
क्यों नही आया मेरा सजना।
सावन आया,आई बहार
तु क्यों नही आया सजना।
सबके घर में छाई है बहार
मेरे घर में खामोशी सजना।
सखी सहेली सब लगा रही है मेहंदी,
बालों मे लगा रही है गजरा।
सब अपने साजन के लिए ,
सज रही है सजना।
सबके साजन आए है,
बस तु ही नही आया है सजना
सब पर सावन की खूबसूरती का
चढ गया है खुमार ।
मै बेरंग सी बैठी हूँ,
कर रही हूँ तेरा इन्तज़ार।
अब आ भी जाओं तुम सजना
अब नही कराओ और इंतजार ।
सखी सहेली सब छेर रही है
अब नही और हमें तुम सताओं।
अब नही और हमें तुम सताओं ।
अब तो जल्दी घर आ जाओं।
मेरे नैना देख रही है बाँट।
अब और देर नही करो तुम सजना
बीत रहा है सावन।
अब तो जल्दी से घर आ जाओ
कही बीत नही जाए सावन।
अनामिका