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26 Mar 2020 · 1 min read

सावधान!सावधान!

सावधान!सावधान!
??दोहे??
अपनो से है प्रीत यदि , जागें भारत लोग।
प्रतिदिन बढ़ता जा रहा , कोरोना का रोग।।

नियम तोड़ कुछ घूमते , लोग बड़े बेशर्म।
संकट सारे देश पर , समझे ना वो मर्म।।

लापरवाही यूँ रही , होगा सकल विनाश।
बोझिल होगी ये धरा , रोयेगा आकाश।।

मास्क़ लगाए राखिए , मुँह पर अपने आप।
रखिए दूरी भीड़ से , करो स्वच्छता जाप।।

रहो आइसोलेट तुम , सेनेटाज़र योग।
कोरोना की काट है , करना मास्क़ प्रयोग।।

प्रीतम संकट की घड़ी , समझो क्षण का मोल।
तेरा मेरा ही नहीं , जीवन हर अनमोल।।

प्रीतम हँसके मानिए , सरकारी आदेश।
सावधान गर सब रहे , तभी बचेगा देश।।

?आर.एस.प्रीतम?

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 415 Views
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