साल गिरह
भैया प्यारे आ गये, घर में बाजे साज।
मैया आशीर्वाद दे, साल गिरह पर नाज।
साल गिरह पर नाज,केक सबने हैं काटा।
फेश वेश पर लगा, केक सबने हैं बाँटा।
कहें प्रेम कवि राय,आशीर्वाद दे मैया।
सदैव ही खुश रहे,हमारा प्यारा भैया।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम