सालगिरह
इतने वर्ष प्रिय !!!!!
आहा इतने वर्ष प्रिय
साथ चलते, गिरते पड़ते, डगमगाते
मान मनुहार कुछ रूठते मनाते
लड़ते झगड़ते तो कभी प्यार दिखाते
आहा इतने वर्ष प्रिय!!!
सोचा न था, इतने पल
यूँ ही बीत जाएँगे
असहमति के गोले में घूमते घूमते
एक बिंदु पर सहमत हो जाएँगे
आहा इतने वर्ष प्रिय!!!
धन्यवाद!!!
इस जीवन संघर्ष को जीतने के लिए
हऱ निंदा को स्तुति गान बनाने के लिए
इतना विश्वास रखने और निभाने के लिए
इस पथ को सरल बनाने के लिए
धन्यवाद!!!
इतने भावपूर्ण वर्ष प्रिय
आहा !!! इतने वर्ष प्रिय…….
अंजनीत