Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

सार्थक मंथन

कभी-कभी मैं सोचता हूं ,
हम कल्पनाओं में जीते हैं,
अपने धरातल के अस्तित्व को भुलाकर ,
ऊँँची उड़ान लेते हैं ,
यथार्थ को नकार कर ,
असंभावित मे लीन रहते हैं ,
स्वप्निल आशाओं , आकांक्षाओं, को
परिपूर्ण करने का निरर्थक प्रयास करते हैं ,
हम भूल जाते है कि , कल्पनाओं को साकार करने के लिए ठोस आधार आवश्यक है ,
ठोस आधार के लिए धरातल का अस्तित्व
आवश्यक है ,
ठोस अस्तित्व के लिए आत्मविश्वास से परिपूर्ण दृढ़ संकल्प आवश्यक है ,
संकल्पों को साकार करने के लिए आत्ममंथन आवश्यक है ,
सार्थक मंथन के लिए ज्ञान एवं प्रज्ञा शक्ति का विकास आवश्यक है ,
कल्पनाऐं क्षणिक सुख की अनुभूति तो देतीं है ,
परंतु समयांतर में निराशा ही हाथ लगती है ,

1 Like · 2 Comments · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
इस घर से .....
इस घर से .....
sushil sarna
ਮੁਕ ਜਾਣੇ ਨੇ ਇਹ ਸਾਹ
ਮੁਕ ਜਾਣੇ ਨੇ ਇਹ ਸਾਹ
Surinder blackpen
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
जिन्दगी की शाम
जिन्दगी की शाम
Bodhisatva kastooriya
सुनो - दीपक नीलपदम्
सुनो - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
वक़्त होता
वक़्त होता
Dr fauzia Naseem shad
बच्चा बूढ़ा हो गया , यौवन पीछे छोड़ (कुंडलिया )
बच्चा बूढ़ा हो गया , यौवन पीछे छोड़ (कुंडलिया )
Ravi Prakash
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
2400.पूर्णिका
2400.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
लक्ष्य
लक्ष्य
Mukta Rashmi
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
Sarfaraz Ahmed Aasee
.
.
Amulyaa Ratan
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
भावुक हृदय
भावुक हृदय
Dr. Upasana Pandey
कड़वा सच
कड़वा सच
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
मेरी माटी मेरा देश भाव
मेरी माटी मेरा देश भाव
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
प्रभात वर्णन
प्रभात वर्णन
Godambari Negi
पड़ोसन की ‘मी टू’ (व्यंग्य कहानी)
पड़ोसन की ‘मी टू’ (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
ruby kumari
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
बदलने लगते है लोगो के हाव भाव जब।
Rj Anand Prajapati
कवि के उर में जब भाव भरे
कवि के उर में जब भाव भरे
लक्ष्मी सिंह
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*प्रणय प्रभात*
गीत।। रूमाल
गीत।। रूमाल
Shiva Awasthi
प्रेम.... मन
प्रेम.... मन
Neeraj Agarwal
Loading...