सारे दूर विषाद करें
रविवार, 08.10.2023
#गीतिका
आधार छंद- लावणी
विधान- ३० मात्रा. १६,१४ पर यति, अंत गुरु
पदांत- करें
समांत- आद
ना छोड़ें छोटी खुशियों को,आओ अब आह्लाद करें।
दुख तो हमें मिलेंगे पल- पल,नहिं कोई अवसाद करें।।
मन में प्रश्न उठेंगे हर पल,बने पहेली जीवन ये,
कुछ गुनकर कुछ पढ़कर शिक्षा,सारे दूर विषाद करें।
जाति धर्म पर लड़े भिड़े हम, खून खराबा खूब किया,
प्यार मुहब्बत हो जीवन में,अब न कोई फसाद करें।
जूझ रहे जो विपदाओं से,भूख प्यास से पीड़ित हैं,
घर से बेघर हुए लोग जो,आओ उन्हें आबाद करें।
रिश्ते नाते टूट गये जो,दिल में अब दीवार खिंची,
जीवित उनको करने खातिर,फिर से सफल प्रवाद करें।
माना शिखर चढ़े यौवन के,ढल जायेगा अगले दिन,
सत्य यही इस जीवन का है,नहीं कोई प्रमाद करें।
सारा जग है एक घरौंदा, समझ हमें क्यों नहिं आता,
बेशकीमती समय हमारा,और नहीं बर्बाद करें।
🙏अटल मुरादाबादी 🙏
९६५०२९११०८