Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2024 · 1 min read

सारी दुनिया समझ नहीं सकती ,

सारी दुनिया समझ नहीं सकती ,
हमने खुद को अगर नहीं समझा ।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

1 Like · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
वक्त के साथ लड़कों से धीरे धीरे छूटता गया,
वक्त के साथ लड़कों से धीरे धीरे छूटता गया,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*बंगाली समाज द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव*
*बंगाली समाज द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव*
Ravi Prakash
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
पूर्वार्थ
पंचायती राज दिवस
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
4224.💐 *पूर्णिका* 💐
4224.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
धीरे-धीरे ढह गए,
धीरे-धीरे ढह गए,
sushil sarna
"आज की रात "
Pushpraj Anant
मईया रानी
मईया रानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
Keshav kishor Kumar
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
#सत्यान्वेषण_समय_की_पुकार
#सत्यान्वेषण_समय_की_पुकार
*प्रणय प्रभात*
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरा वतन
मेरा वतन
Pushpa Tiwari
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
Anand Kumar
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
वो अजनबी झोंका
वो अजनबी झोंका
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम
प्रेम
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
साथ समय के चलना सीखो...
साथ समय के चलना सीखो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"गुलशन"
Dr. Kishan tandon kranti
जन्माष्टमी
जन्माष्टमी
लक्ष्मी सिंह
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
-मां सर्व है
-मां सर्व है
Seema gupta,Alwar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
नेताम आर सी
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
यूं जरूरतें कभी माँ को समझाने की नहीं होती,
यूं जरूरतें कभी माँ को समझाने की नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...