सारा कश्मीर हमारा है 【गीत】
सारा कश्मीर हमारा है 【गीत】
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सवा अरब कंठों से निकला आज यही शुभ
नारा है
सारा कश्मीर हमारा है, सारा कश्मीर हमारा
है
(1)
तुमने सन सैंतालिस में धोखे से चाल चली
थी
हम ढीले, इसलिए तुम्हारी केवल दाल गली
थी
एक तिहाई काश्मीर को तुमने था हथिआया
हमने केवल आवेदन- पत्रों से काम चलाया
संयुक्त राष्ट्र में जाने के बदले तोपें चलवाते
तब पावन परिणाम देश के लिए और ही
आते
तब कश्मीर रियासत हो जाती अटूट सब
हिस्सा
खत्म, हैदराबाद जिस तरह, जड़ से सारा
किस्सा
कहो तीन सौ सत्तर धारा किस कारण से
आई
जैसे और रियासत हमने यह क्यों नहीं
मिलाई
चला गया कश्मीर पाक में जो हिस्सा फिर
लाएं
अनुनय- विनय काम कब आते ताकत को
दिखलाएं
विजय उसी को मिलती है जो हिम्मत कभी
न हारा है
सारा कश्मीर हमारा है, सारा कश्मीर हमारा
है
(2)
चाह रहे तुम काश्मीर को छल करके ले लोगे
जहर हवा में वही पुराना भर- भरके ले लोगे
क्षणिक विजय यह कायरता की ज्यादा
नहीं चलेगी
नीति तुम्हारी स्वयं एक दिन अपने हाथ
मलेगी
सैन्य शक्ति से सुनो तुम्हारे जब हम पेंच
कसेंगे
एक दिवस कश्मीरी पंडित फिर से वहीं
बसेंगे
अविभाजित कश्मीर समूचा जब जय हिंद
कहेगा
भारत माता भक्ति भाव में तब कश्मीर बहेगा
काश्मीर में वह ही होंगे रहने के अधिकारी
जो बोलेंगे भारत माता हम तेरे आभारी
पत्थर का जवाब जब सेना की गोली आएगी
ताकत जिसमें होगी घाटी उसकी हो जाएगी
गूंज रहा स्वर सुनो मातरम् वंदे कितना प्यारा
है
सवा अरब कंठों से निकला आज यही शुभ
नारा है
सारा कश्मीर हमारा है ,सारा कश्मीर हमारा
है
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451