सारंग छंद
विश्वास संसार का मूल आधार।
होना नहीं चाहिए बीच दीवार।।
सारे जहाँ में रहे आपसी प्यार।
हो भ्रातृ की भावना युक्त संसार।।
आचार है सत्य के संग साकार।
है ईश सेवा सभी पुण्य का सार।।
देना सभी प्राणियों को सदा मान।
अंजान को भी दिया खूब सम्मान।।
रंजना माथुर
अजमेर राजस्थान
मेरी स्वरचित व मौलिक रचना
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