सायरी
ये नया वक़्त, दौर बनने लगा,
धूप छट्टे ही आसमां सोर करने लगा,
और,
हौंसला इन जीनों का तो देखिए जनाब,
चंद पैसे आते ही अपने आकाओं को दूर करने लगा।
ये नया वक़्त, दौर बनने लगा,
धूप छट्टे ही आसमां सोर करने लगा,
और,
हौंसला इन जीनों का तो देखिए जनाब,
चंद पैसे आते ही अपने आकाओं को दूर करने लगा।