Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2017 · 1 min read

साम्यवाद

दामन में मुँह छुपाये बैठे है
अजब निराले कौतूक करके बैठे है
पाक साफ बनते है
सरेआम शोषण करते है
जनता के बीच
सिर उठा चलते है
अपने को बड़ा कहते है
बड़े मिलों के मालिक
फले फूले है
मजदूरों के शोषण पर
महल बनाये हुए है
इनकी हड्डियों पर

सुबह से शाम लगे रहते है
धूँप ताप में सड़ते रहते है
इनके सुरों को कोन सुनेगा ?
धनी तो ओर धनी
निर्धन ओर निर्धन बनेगा
पूँजीवाद फिर से फलेगा
लाला तो ओर लाला बनेगा

साम्यवाद,समता,समाजवाद शब्द
थोथे प्रतीत होते है
इनकी आड़ में
मिलों के मालिक समृद्ध होते है
मंहगाई की मार
बेबस मजदूरों पर ही ज्यादा है
रूखी सूखी का ही सकून है

कितना अच्छा हो
झूठ बेनकाव हो जाए
सबको मेहनत का पर्याप्त मिले
कोई भी गरीबी में
फाँसी के फन्दे को न खेले
न हो बोझ कन्यायें

ऐसा हो सकता है
इन्कलाब आ सकता है
सभी को रोजी रोटी मिलनी चाहिए
मालिकों को हैवान नही होना चाहिए
लड़कों की बोली लगना
बन्द होना चाहिए
लडकियों को ही आगे आना चाहिए

हास्यास्पद लगती है
किताबों की सी बातें लगती है
परिवर्तन होना मुश्किल है
अगर सत्ताधारी बटोरते रहे
अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए
फिर कैसे सोचा जाए
कि होगी गरीबी दूर
निजात मिलेगीं मजदूरो को

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
73 Likes · 756 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
दण्डकारण्य
दण्डकारण्य
Dr. Kishan tandon kranti
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है,
दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है,
Ajit Kumar "Karn"
वीर दुर्गादास राठौड़
वीर दुर्गादास राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
🙅व्यूज़ की पाठशाला🙅
🙅व्यूज़ की पाठशाला🙅
*प्रणय*
काल का स्वरूप🙏
काल का स्वरूप🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दुरीयों के बावजूद...
दुरीयों के बावजूद...
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
Sanjay ' शून्य'
*अनमोल हीरा*
*अनमोल हीरा*
Sonia Yadav
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
Meenakshi Masoom
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
Phool gufran
बताओगे कैसे, जताओगे कैसे
बताओगे कैसे, जताओगे कैसे
Shweta Soni
कोई अवतार ना आएगा
कोई अवतार ना आएगा
Mahesh Ojha
मैं प्रभु का अतीव आभारी
मैं प्रभु का अतीव आभारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
*
*"संकटमोचन"*
Shashi kala vyas
हर कदम प्यासा रहा...,
हर कदम प्यासा रहा...,
Priya princess panwar
*अदरक (बाल कविता)*
*अदरक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
भूल चुके हैं
भूल चुके हैं
Neeraj Agarwal
My love and life
My love and life
Neeraj kumar Soni
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़िम्मेदार कौन है??
ज़िम्मेदार कौन है??
Sonam Puneet Dubey
मुझे हर वक्त बस तुम्हारी ही चाहत रहती है,
मुझे हर वक्त बस तुम्हारी ही चाहत रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
Bodhisatva kastooriya
Loading...