Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2021 · 2 min read

” सामोद वीर हनुमान जी “

गुलाबी नगरी जयपुर से कुछ दूरी पर
एक प्यारा सा गांव नांगल भरड़ा पड़ता है
शान्त, दुर्गम, विशाल पहाड़ियों के बीच
एक चट्टान पर वीर हनुमान बसता है,
600 वर्ष पूर्व घटित हुई थी जो घटना
पूर्वजों द्वारा आज सभी को सुनाई जाती है
संत नग्नदास ने की थी यहां पर आराधना
कंटीले रास्तों से आज चढ़ाई की जाती है,
एक दिन संत को सुनाई दी थी भविष्यवाणी
गर्जना के साथ शोर फिर तेज सुना जाता है
वीर हनुमान बन कर यहां पर प्रकट होऊंगा
फिर साक्षात दर्शन बालाजी का हो जाता है,
जहां हुए दर्शन संत को वीर हनुमान जी के
उसी चट्टान को मूर्ति में फिर बदला जाता है
तभी किया नग्नदास जी ने घोर तप प्रारंभ
6 फूट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया जाता है,
सुना है पर्दा लगाकर करते थे संत आराधना
एक बार भक्त द्वारा अनुरोध किया जाता है
मुझे भी करवा दो भगवान के दर्शन महाराज
तभी वहां नग्नदास द्वारा पर्दा हटाया जाता है,
घोर गर्जना संग तब बरस पड़ी थी मूक प्रतिमा
सुनकर बवंडर भक्त तो मूर्छित फिर हो जाता है
भेड़, बकरी, ग्वाले सभी भाग पड़े थे घरों की ओर
जब भयंकर शोर उनके कानों में सुनाई पड़ता है,
कहते हैं तभी से शुरू हुई पीठ की पूजा
दूर दूर से भक्तजन यहां आगमन करते हैं
तकरीबन 1100 सीढ़ियों की चढ़ाई कर
मन्नत मांगने सामोद पर्वत पहुंचा करते हैं,
समीप की धर्मशालाओं में ठहरते श्रद्धालु
भजन से संगत आध्यात्मिक की जाती है,
हवा में बैठकर ही करो दर्शन बालाजी के
खुशी खुशी यहां सवामणी की जाती है,
सीताराम वीर हनुमान ट्रस्ट द्वारा बना मंदिर
आजकल रोप वे की सुविधा भी दी जाती है
लड्डू जैसे हनुमान जी की पावन मूर्ती देखकर
मीनू की आखें शीतलता महसूस किया करती हैं।

Dr.Meenu Poonia jaipur

Language: Hindi
1 Like · 1491 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
शायरी संग्रह
शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
प्रेम
प्रेम
Sushmita Singh
"स्वर्ग-नरक की खोज"
Dr. Kishan tandon kranti
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
Harminder Kaur
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
DrLakshman Jha Parimal
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
💐प्रेम कौतुक-470💐
💐प्रेम कौतुक-470💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
करवा चौथ
करवा चौथ
Er. Sanjay Shrivastava
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अलविदा कहने से पहले
अलविदा कहने से पहले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
Rekha khichi
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"अकेलापन की खुशी"
Pushpraj Anant
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
कवि दीपक बवेजा
********* आजादी की कीमत **********
********* आजादी की कीमत **********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
तलाक़ का जश्न…
तलाक़ का जश्न…
Anand Kumar
इश्क की रूह
इश्क की रूह
आर एस आघात
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
वैर भाव  नहीं  रखिये कभी
वैर भाव नहीं रखिये कभी
Paras Nath Jha
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
सच
सच
Neeraj Agarwal
Mere hisse me ,
Mere hisse me ,
Sakshi Tripathi
जब दिल ही उससे जा लगा..!
जब दिल ही उससे जा लगा..!
SPK Sachin Lodhi
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*Author प्रणय प्रभात*
2990.*पूर्णिका*
2990.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बल से दुश्मन को मिटाने
बल से दुश्मन को मिटाने
Anil Mishra Prahari
Loading...