Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2017 · 3 min read

– सामाजिक होना आवश्यक है –

– सामाजिक होना आवश्यक है –

आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन लोगे ने निंदा या आलोचना नहीं की हो | फल वाले वृषो पर ही पत्थर फेके जाते है , कटीली झाड़ियो पर नहीं | लोगो द्वार आलोचना किया जाना आपके समक्ष सफल व्यक्तिव का प्रमाणपत्र है | आप निश्चित होकर वही करते है , जिसे आप उचित समझते है | लोक निंदा या आलोचना की परवाह बिलकुल न करते | इसलिए सफलता निश्चित है , लेकिन जीवन में सामाजिक सोशल होना भी अनिवार्य है | जो आदमी जीवन में दूसरे लोगो में रूचि नहीं दिखाता उसे जीवन में सबसे ज्यादा कठिनाई आती है , और वह दुसरो को सबसे ज्यादा मन दुःखता है | इसी तरह के आदमी ही सबसे ज्यादा सोशल जीवन में पीछे रहते है | इसलिए दुसरो के साथ वही व्यव्हार करो , जैसा तुम चाहते हो की वे आपके साथ करे | यह धारणा मत रखो की आप सब कुछ जानते है | जो यह घमंड करता है वह वास्तव में सबसे बड़ा अज्ञानी है | जीवन में प्रत्येक य्यक्ति को महत्व देना क्योकि जो अच्छे है , वे साथ दे सकते है , और जो अच्छे नहीं है वो अनुभव देते है | अच्छे – अच्छे ही को महत्व देना
उचित नहीं है | आपने जो कुछ पढ़ा है उससे खोजा है , लेकिन अपने ज्ञान से उसे सामाजिक जीवन में खोजना होता है | अपने ज्ञान को अनुभव बनाना है , अपने जैसे और बनाना है | हम विश्वास कर विश्वास
पाते है | अविश्वास कर दूसरे को अविश्वास करने का अवसर देते है | हमें दुसरो पर बिना कारण अविश्वास
संदेह को बढ़ाता है | हमें सकारात्मक होने के लिए बिना कारण किसी पर भी अविश्वास नहीं करना चाहिए |
दूसरे पर भरोसा करना चाहिए , और समझ यह भी नहीं रखना की मेरी जाती , लक्ष्मी , अधिकार , पद व
आयुष पर घमंड करना है , सभी क्षणिक है और फिर मौन रहकर ही जीवन बिताना है | हमें व्यव्हारवादी
लोगो में शामिल नहीं होना है जो हमेशा लाभ – हानि , हिसाब – किताब को देखते रहे है इसलिए व्यवहारवादी
को समाज को गिराने वाले लोग कहते है | जो लोग जिम्मेदार , ईमानदार व मेहनती होते है , उने विशेष सम्मान मिलता है , लेकिन जो सरल होते है , दुसरो के लिए करुणा भाव रखते है वे ही सच्चे होते है | आप
क्रिएशन ( रचना ) कर सकते है , पर टैलेंट ( हुनर ) सरल ह्रदय के पास होता है | जब पैसा चित्त में बस जाता
है , तब मानुष को धन के शिवा कुछ दिखाता नहीं है , पद का मोह , चित को घेर लेता है , तब मानुष पदप्रापि के लिए बावला बन जाता है | हम में कूट नीति नहीं होना चाहिए , हम अपने लिए तो महंगा से महंगा साधन उपयोग यूज करेगे लेकिन दुसरो के साथ कंजुस्ता दिखाएंगे , अपने परिवार में ही रमते रहेगे परिवार लोभ दिखाएंगे इसलिए आदर्शवादी परिणाम नहीं आते और परस्पर सहयोग की इस दुनिया में कुछ हम दूसरे लोगो को देते है तो अन्य लोग हमसे भी कुछ लेते है , लेकिन हम देने लायक न रहे , तो समझ लीजिये इस धरती पर बोझ है |

किसी अधिनिस्थ रहकर हम दुसरो का जीवन तो सुधार ले जाते लेकिन उसका क्रेडिट अधिनिस्थ को ही मिलेगा | इसलिए अपने मेहनत में से कुछ सेवा देकर या कुछ विशिस्ठ कर दिखाकर रोशन करेगे वही दिव्यता है , वही पुरुषार्थ है , नहीं तो कुत्ते – बिल्ली भी पेट पालते है | यह काम करते हुए किसी को बताने की
जरुरत भी नहीं है | सब अपने आप दीखता है , इसलिए सामाजिक होना आवश्यक है |

– राजू गजभिये
दर्शना मार्गदर्शन केंद्र , बदनावर जिला धार ( मध्यप्रदेश )

Language: Hindi
Tag: लेख
256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Raju Gajbhiye
View all
You may also like:
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
खिड़की के बाहर दिखती पहाड़ी
Awadhesh Singh
राम- नाम माहात्म्य
राम- नाम माहात्म्य
Dr. Upasana Pandey
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Bansaltrading Company
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम...
पं अंजू पांडेय अश्रु
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ललकार भारद्वाज
Be beautiful 😊
Be beautiful 😊
Rituraj shivem verma
तिलक लगाओ माथ या,
तिलक लगाओ माथ या,
sushil sarna
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
❤️मेरी मम्मा ने कहा...!
Vishal Prajapati
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
Ranjeet kumar patre
*मैं भी कवि*
*मैं भी कवि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक दिन उसने यूं ही
एक दिन उसने यूं ही
Rachana
4574.*पूर्णिका*
4574.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नयनों में नहीं सनम,
नयनों में नहीं सनम,
Radha Bablu mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
"नजीर"
Dr. Kishan tandon kranti
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
Phool gufran
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
सत्य कुमार प्रेमी
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
Kanchan Khanna
जीते जी मुर्दे होते है वो लोग जो बीते पुराने शोक में जीते है
जीते जी मुर्दे होते है वो लोग जो बीते पुराने शोक में जीते है
Rj Anand Prajapati
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
Ravikesh Jha
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
Loading...