सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया के आने से। लोकतंत्र तो वही है जो कश्मीर में पंडितों के निर्वासन के समय था, जिसको आप कश्मीर फाइल्स के माध्यम से कुछ जान पाए। सामाजिक भावों के अभाव का यही दुष्प्रभाव होता है। विभस्त लोकतंत्र