सादे सुंदर रूप में, रूपमती बड़ी भाय l
सादे सुंदर रूप में, रूपमती बड़ी भाय l
प्रीत की धनी धूप से, रसिक रस रंग पाय ll
नंगा नाच नीव नीव, चुनाव ही है नाव l
अबके मानव जात में, यही है मस्त चाव ll
सुधर सुधर कर न सुधरी, बता सुधारे कौन l
बिगड़ बिगड़ सहज बिगड़ी, और बिगाड़े कौन ll
सुधर सुधर कर न सुधरी, बता सुधारे कौन l
बिगड़ बिगड़ सहज सुधरी, बता बिगाड़े कौन ll
अरविन्द व्यास “प्यास”