सादापन
कर दू न्यौछावर खुद को
तेरी एक मुस्कान की खातिर।
क्या कहूॅ और मैं जानेजां
मैं तुझपर फिदा हूॅ।
तुम्हारे प्रेम में,
पुर्णतया समाहित होकर
कर रहा इन्तजार
कि तुम एक दिन आओगीं
और कहोगी
बीतीं घड़ी प्रतीक्षा की।
’अऩस’ तुम्हारे इसी सादगी पर
मैं फ़िदा हूॅ।