***सादगी में सुंदरता ***
।। ॐ परमात्मने नमः ।।
*” सादगी में ही सुंदरता ”
करवा चौथ के दिन महिलाएँ अपने पति परमेश्वर के लिए घर का कार्य करते हुए भूखे प्यासे निर्जला व्रत रखती हैं।
सोलह श्रृंगार करके विभिन्न परिधानों से सजते हुए दुल्हन की तरह से तैयार होकर हाथों में मेहँदी लगाकर सुहाग का जोड़ा पहनकर पूजन की थाल लिए हुए चाँद के दर्शन के लिए बेसब्री से इतंजार करती है।
चाँद निकलने पर पूजन अर्ध्य देते हुए प्रियतम का चेहरा चाँद में निहारती है और पति के हाथों से जल पीकर अपना व्रत खोलती है।
वैसे तो हरेक नारी को साज श्रृंगार का बहुत शौक होता है खासकर महिलाओं को जब भी व्रत ,त्यौहारों ,शादी के कार्यक्रमों में सजना सँवरना बेहद पसंद होता है लेकिन जरूरी नहीं कि सभी को सजना सँवरना अच्छा लगता हो किसी को सादगी में ही रहना पसंद आता है।
प्रियंका को भी ज्यादा सजना सँवरना पसंद नहीं था पतिदेव ओम प्रकाश को भी सादगी ही पसंद थी ।शादी के बीस वर्ष तक करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार कर पूजन की थाली लिए नील गगन में चाँद को निहारती रही परन्तु इस बार अचानक तबीयत खराब होने से शारीरिक कमजोरी महसूस हो रही थी पेट का ऑपरेशन होने की वजह साड़ी पहनना जरा मुश्किल था और तैयार भी नही हो पाई थी।
सलवार सूट पहनकर ही व्रत पूजन करके चाँद के दर्शन किया था इस विशेष करवा चौथ व्रत में प्रियंका की दोनों बिटियाँ प्रिया ,अंजली ने भी मिलकर सहयोग दिया और पतिदेव ओम प्रकाश ने भी काफी मदद की थी ।
प्रियंका को वह करवा चौथ का दिन आज भी जहन में स्मरणीय है क्योंकि बच्चों ने पतिदेव ने व्रत रखने में काफी योगदान दिया और उस वक्त उन्होंने जो कहा था कि ” व्रत – त्यौहार तो आते ही रहेंगे अपनी सेहत से बढ़कर कुछ भी नही है ये जरूरी नही है कि एक नारी सज धज कर श्रृंगार करके ही सुँदर दिखती है मन में सच्ची श्रद्धा भावना प्रगट होनी चाहिए ”
वो करवा चौथ सही मायने में व्रत की महत्ता को दर्शाता है और इंसान के अंदर की सुंदरता को प्रगट करता है बाकी सभी चीजें व्यर्थ ही है।
*सादगी में ही सुंदरता छिपी रहती है *
*”जीवन संगिनी क्या हुआ गर साज श्रृंगार नही किया ….
चाँद को निहारने चली थी प्रियंका ,
प्रियतम ने कहा मैं तो तेरा चाँद हूँ तुम मेरी चाँदनी हो
खुद को चाँद सा शीतल बना दो और नई पीढ़ियों को सादगी में ही सुंदरता का पाठ पढ़ा दो ….! ! !
*स्वरचित मौलिक रचना ??
*** शशिकला व्यास ***
#* भोपाल मध्प्रदेश #*