– सादगी तुम्हारी हमको भा गई –
– सादगी तुम्हारी हमको भा गई –
हमारे दिल पर तुम्हारी छवि छा गई,
सादगी तुम्हारी हमको भा गई,
सादापन उच्च विचार,
मन तुम्हारा साफ,
न कोई दगा न कोई फरेब,
न ही दिल में किसी भी तरह का है पाप,
दूसरो की खुशी में अपनी खुशी को ढूंढता तुम्हारा अंदाज,
वो तुम्हारे नयन का हमारे नयन को होता आगाज,
तुम्हारी सादगी का कायल है भरत,
तुम हो वही जिसकी गहलोत ने ईश्वर से की थी अरदास,
हमारे दिल पर तुम्हारी छवि छा गई,
सादगी तुम्हारी हमको भा गई,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान