सादगी – डी के निवातिया
घर का साज-ओ-सामान मांग उधार ले जाए,
महलो के सपनें दिखा लूट घरसंसार ले जाए,
इतनी सादगी भी खुदा न किसी को बख्शे,
कोई कपड़ो संग संग चमड़ी उतार ले जाए !
!
डी के निवातिया
घर का साज-ओ-सामान मांग उधार ले जाए,
महलो के सपनें दिखा लूट घरसंसार ले जाए,
इतनी सादगी भी खुदा न किसी को बख्शे,
कोई कपड़ो संग संग चमड़ी उतार ले जाए !
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डी के निवातिया