साथ
साथ
आजीवन यह साथ रहेगा।
रत्ती भर यह नहीं घटेगा।।
प्रेम मधुर संवाद दिखेगा।
अन्तहीन इतिहास लिखेगा।।
हर पल होगा मोहक मादक।
दिल में भावन मधुरिम जब तक।।
प्रीति रहेगी अमिट हमेशा।
खो जाना ही प्रिय सन्देशा।।
ब्रह्म सूत्र का पावन दर्शन।
सात्विक भावों का मधु स्पर्शन।।
साथ सदा अतुलित मृदु धारा।
प्यार समंदर अनुपम न्यारा।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।