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30 Jan 2023 · 1 min read

साथ छूटा जब किसी का, फिर न दोबारा मिला(मुक्तक)

साथ छूटा जब किसी का, फिर न दोबारा मिला(मुक्तक)
■■■■■■■■■■■■■■■
साथ छूटा जब किसी का, फिर न दोबारा मिला
चल रहा है जाने कब से, अनवरत यह सिलसिला
बाँह में भरकर रखें, जो आपको साथी मिले
रेत पर है रेत का, यह एक क्षणभंगुर किला
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
124 Views
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