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10 Mar 2017 · 1 min read

साथी

जीवन के सफ़र में
उतार चढ़ाव तो हैं
न चाहते हुए भी कदम
वहां बढ़ जाते हैं
जहाँ कोई अपने भावों से
मन मोह लेता है
धीरे धीरे मन में उतार कर
अपना मुझे कर लेता है
वही साथी जो मैं ढूंढता हूँ
वही प्यार का एक निशां

–प्रतीक

Language: Hindi
429 Views
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