Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2024 · 1 min read

सात फेरे

साथ फेरे
साथ तेरे
सात जन्म के लिए
है हमने लिए
साथ फेरे—
सादगी ये तेरी देखकर
प्यार से उम्र भर
साथ रहने के है
हमने वादे किए
साथ फेरे——
अब यही है आरजू
तेरे बिन ना जियूॅ
सात बचनों के संग
सात फेरे है लिए
दिनेश कुमार गंगवार

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विशाल अजगर बनकर
विशाल अजगर बनकर
Shravan singh
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
मैंने रात को जागकर देखा है
मैंने रात को जागकर देखा है
शेखर सिंह
वो बचपन का गुजरा जमाना भी क्या जमाना था,
वो बचपन का गुजरा जमाना भी क्या जमाना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙏श्याम 🙏
🙏श्याम 🙏
Vandna thakur
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
👌दावा या धावा?👌
👌दावा या धावा?👌
*प्रणय प्रभात*
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
Anil chobisa
“देवभूमि क दिव्य दर्शन” मैथिली ( यात्रा -संस्मरण )
“देवभूमि क दिव्य दर्शन” मैथिली ( यात्रा -संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/209. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
** अरमान से पहले **
** अरमान से पहले **
surenderpal vaidya
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
★ IPS KAMAL THAKUR ★
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
bharat gehlot
शर्म शर्म आती है मुझे ,
शर्म शर्म आती है मुझे ,
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अखबार
अखबार
लक्ष्मी सिंह
जज्बात की बात -गजल रचना
जज्बात की बात -गजल रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
नव्य द्वीप
नव्य द्वीप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,
ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
चलो
चलो
हिमांशु Kulshrestha
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
खामोश किताबें
खामोश किताबें
Madhu Shah
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
Manju sagar
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU SHARMA
Loading...