Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2022 · 4 min read

*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)

साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
पतिदेवों के रहन-सहन के मामले में उम्र का नाटक चलता रहता है । अगर वरिष्ठ नागरिक हो चुका कोई पतिदेव बाजार में कपड़ा खरीदने जाता है और कोई रंग-बिरंगी बुशर्ट खरीदना चाहे तो प्रायः पत्नियाँ टोक देती हैं कि अब इस उम्र में क्या इस तरीके की छींटदार बुश्शर्ट पहनते हुए अच्छे लगोगे ? आदमी मन मसोस कर रह जाता है । चलो भाई ,क्रीम कलर की सीधी-सादी शर्ट ही खरीद लेते हैं । कई वरिष्ठ नागरिक पतिदेव तो स्वयं अपने आप को इतना ज्यादा वरिष्ठ मान बैठे हैं कि कहीं भी उल्लास और उमंग के साथ उपस्थित होने की बात आती है तो पहले ही कह देते हैं कि अब हमारी इन सब बातों की उम्र नहीं रही अर्थात इधर आदमी साठ का हुआ ,उधर जीवन के सारे सुखों से वंचित हो गया। हद तो तब हो जाती है जब बच्चे मिल – बैठकर कहीं जाने का प्रोग्राम बनाते हैं और पिकनिक -सैर सपाटे आदि के बारे में सोचते हैं तो उनका यही कहना होता है किसी तीर्थस्थान पर चलने का इस बार प्रोग्राम बना लेते हैं। माताजी और पिताजी के लिए तो इस उम्र में यही ठीक रहेगा । आदमी सोचने के लिए विवश हो जाता है कि मैं साठ का हुआ ,क्या मेरे लिए अब तीर्थयात्रा ही बची है ?
देखिए ! समाज कितना शक्की होता है ! एक लेखक के हास्य-व्यंग्य लेख को किसी महिला ने फेसबुक पर लाइक कर दिया और इस घटना को उनकी श्रीमती जी की जासूसी निगाहों ने पकड़ लिया । बस इंटरव्यू शुरू हो गया । यह महिला कौन है …कहाँ रहती है… आयु कितनी है …तुम्हारा इस से संपर्क कैसे आया ….जरा यह तो सोचो कि अब तुम्हारी उम्र साठ साल से ज्यादा हो गई है ..आदि-आदि । वह कहते ही रह गए कि उनके हास्य व्यंग्य को अगर कोई महिला लाइक करती है तो उनकी इसमें क्या गलती है और वह क्या कर सकते हैं ? मगर उनकी एक न सुनी गई । जैसे अपराधियों को प्रतिदिन थाने में हाजिर होने का निर्देश दिया जाता है , ठीक उसी तरह उन्हें प्रतिदिन अपनी फेसबुक दिखाने का निर्देश दे दिया गया और कहा गया कि अगर कोई महिला तुम्हारी फेसबुक पोस्ट को लाइक करती है तब स्पष्टीकरण तुमसे पूछा जाएगा। तब से वह रोजाना डरते रहते हैं कि कहीं वह कुछ ऐसा शानदार न लिख बैठें कि जिसे कोई महिला पाठक लाइक कर दे और वह मुसीबत में फँस जाएँ।
कई बार पत्नियाँ भी गलत नहीं सोचती है । साठ साल तक तो लोग सीधे – साधे तरीके से चलते रहते हैं । फिर उसके बाद बिगड़ जाते हैं । बहुत से लोग पैंसठ वर्ष की आयु में अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी करते हुए पाए गए हैं। इसलिए वरिष्ठ नागरिक बनने साथ साठ साल का होने का अर्थ यह नहीं है कि पत्नियाँ नजर रखना छोड़ दें या सतर्कता बरतना समाप्त कर दें। पतियों के बिगड़ने की गुंजाइश तो रहती ही है । किस से मेलजोल है ,किस से मित्रता है और बात कहाँ से कहाँ तक पहुंच रही है, उसका लेखा-जोखा हर पत्नी को अपने वरिष्ठ नागरिक पति के बारे में भी रखना चाहिए अन्यथा तलाक कोई मुश्किल बात नहीं है। यह तो दिल आने की बात होती है। जिसका जिससे तारतम्य बैठ गया ,समझ लो वह उसी की सुर – ताल में मगन हो गया । कवि को कवयित्री मिल गई ,गायक को गायिका मिल गई । पति को तो मिल गई ,लेकिन पत्नी के हाथ से पति चला गया । इसलिए पतियों के जीवन में वरिष्ठ नागरिक बनने के बाद जो परिवर्तन आते हैं ,उन्हें नोट किया जाना चाहिए । क्या पतियों का स्वभाव चंचल तो नहीं होने लगा ? कुछ चटक मटक की रंगीन कपड़ों की फरमाइश तो नहीं होने लगी ? चाट खाने का शौक तो पैदा नहीं हुआ ? तीखी मिर्ची कई लोग साठ के बाद शुरू करते हैं । इन सबसे वरिष्ठ नागरिकों में होने वाले हार्मोन के परिवर्तन को पहचानने की जरूरत है।
पति बेचारे वरिष्ठ नागरिक बनने के बाद भी बहुत परेशान रहते हैं । गलती दो-चार लोग करते हैं , बिगड़ते नाममात्र लोग हैं और सजा सबको भुगतनी पड़ती है । इधर वरिष्ठ नागरिक बने ,उधर सारी चीजों पर प्रतिबंध लग जाता है । जरा-सी भी कोई गलत हरकत हुई तो यह माना जाता है कि इनके हार्मोन में कोई परिवर्तन आने लगा है । बस पत्नी जी का अनुशासन का चाबुक चलना शुरू हो जाता है ।
चटोरी जीभ पर भी प्रतिबंध लगने आरंभ हो जाते हैं । तली हुई पूड़ियाँ और कचौड़िया एकदम बंद हो जाती हैं। अगर पराँठे पर भी ज्यादा घी लगवाओ तो यह नसीहत सुनने को मिलती है कि अब तो साठ के हो गए , कब तक घी के पराँठे खाओगे ?
जलेबी – इमरती आदि गरम-गरम खाने का मन करे , तो भी यही उपदेश सुनने को मिलते हैं कि साठ के हो गए ,कुछ तो जीभ पर कंट्रोल करो । कुछ बातें तो अपनी जगह सही हैं कि उम्र के साथ-साथ पाचन शक्ति थोड़ी कम होती जाती है । लेकिन ऐसा भी क्या उम्र का रोना कि न कुछ खाओ ,न चटक मटक का पहनो , न बढ़िया जगहों पर घूमने के लिए जाओ । साठ साल का हो जाने के कारण दिनभर बैठकर धर्मग्रंथों का पाठ तो सब से नहीं होगा ।
मुसीबत सचमुच उन लोगों की है जिनकी आयु तो साठ वर्ष की हो गई है लेकिन शरीर बूढ़ा नहीं हुआ है और मन तो अभी भी हवा से बातें करता है । वह गाना चाहते हैं कि? …..अभी तो मैं जवान हूँ ।? मगर उनकी आवाज घुट कर रह जाती है या यूँ कहिए कि समाज उन्हें बोलने नहीं देता । बेचारे वरिष्ठ नागरिक पतिदेव !
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””'””””””‘
लेखक : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
सायलेंट किलर
सायलेंट किलर
Dr MusafiR BaithA
प्यार में ही तकरार होती हैं।
प्यार में ही तकरार होती हैं।
Neeraj Agarwal
#गीत :--
#गीत :--
*प्रणय प्रभात*
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
"सुनो तो"
Dr. Kishan tandon kranti
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
Rituraj shivem verma
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
दोहे- शक्ति
दोहे- शक्ति
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
Dr Archana Gupta
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
मन-गगन!
मन-गगन!
Priya princess panwar
तेरी इस बेवफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस बेवफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
इंद्रदेव की बेरुखी
इंद्रदेव की बेरुखी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं दोस्तों से हाथ मिलाने में रह गया कैसे ।
मैं दोस्तों से हाथ मिलाने में रह गया कैसे ।
Neelam Sharma
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
Kr. Praval Pratap Singh Rana
2886.*पूर्णिका*
2886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
// अगर //
// अगर //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*अध्याय 8*
*अध्याय 8*
Ravi Prakash
मृत्युभोज
मृत्युभोज
अशोक कुमार ढोरिया
चुप
चुप
Dr.Priya Soni Khare
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हमारे प्यारे दादा दादी
हमारे प्यारे दादा दादी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Disagreement
Disagreement
AJAY AMITABH SUMAN
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
बेटियाँ
बेटियाँ
Mamta Rani
Loading...