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21 Mar 2018 · 2 min read

साक्षात्कार- रश्मि शुक्ला- लेखिका, चिरस्थायी किंवदन्तियाँ (काव्य संग्रह)

रश्मि शुक्ला जी की पुस्तक "चिरस्थायी किंवदन्तियाँ (काव्य संग्रह)" हाल ही में साहित्यपीडिया पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक विश्व भर के ई-स्टोर्स पर उपलब्ध है। आप इस पुस्तक को यहाँ दिए गए लिंक पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं- Click here

1) आपको लेखन की प्रेरणा कब और कहाँ से मिली? आप कब से लेखन कार्य में संलग्न हैं?
मुझे लिखने से ज्यादा पढ़ने का शौक बहुत समय पहले से है।

2) आप अपने लेखन की विधा के बारे में कुछ बतायें?
मन में जो भी आता है कागज पर उतार देती हू नहीं जानती हू क्या सही है क्या गलत।

3) आपको कैसा साहित्य पढ़ने का शौक है? कौन से लेखक और किताबें आपको विशेष पसंद हैं?
मैं सभी विधाओं का ज्ञान रखना चाहती हू सभी कुछ पढ़ना और समझना चाहती हूँ।

4) आपकी कितनी किताबें आ चुकी है?
ये मेरा पहली किताब है।

5) प्रस्तुत संग्रह के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?
ये मेरी पहली किताब है जिसके माध्यम से मैं सभी तक अपनी मन की बात पहुँचाना चाहती हूँ। इस किताब में सभी विधाओं की रचनाएं शामिल की हैं मैंने ताकि इसे हर व्यक्ति रूचि लेकर पढ़ पाए।

6) यह कहा जा रहा है कि आजकल साहित्य का स्तर गिरता जा रहा है। इस बारे में आपका क्या कहना है?
हां ये काफी हद तक ठीक कहा जा रहा है आज कल की पीढ़ी साहित्य में रुझान नहीं लेना चाहती मगर जहाँ तक मेरा समझना है की सरल भाषा में लिखा जाये जो सभी को समझ आये तभी हिंदी साहित्य आगे बढ़ सकता है।

7) साहित्य के क्षेत्र में मीडिया और इंटरनेट की भूमिका आप कैसी मानती हैं?
मैं तो इंटरनेट के माध्यम से ही आगे बढ़ पाई हू इसलिए मेरे लिए इंटरनेट और मीडिया वरदान साबित हुआ है।

8) हिंदी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्दों के प्रयोग को आप उचित मानती हैं या अनुचित?
सभी भाषाएँ खुद में बेहतरीन होती हैं किसी भी भाषा का उपयोग व्यर्थ नहीं है, अनुचित नहीं है, सभी का अपना महत्त्व है।

9) आजकल नए लेखकों की संख्या में अतिशय बढ़ोतरी हो रही है। आप उनके बारे में क्या कहना चाहेंगी?
लिखना बहुत बढ़िया कला है जिसको निरंतर चलते रहना चाहिए और सभी को आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए बस लिखना ऐसा चाहिए जिसमे किसी को कोई ठेस न पहुंच पाए, किसी भी धर्म जाती को लेकर बिलकुल भी नहीं लिखना चाहिए।

10) अपने पाठकों को क्या संदेश देना चाहेंगी?
पाठकों से मेरा अनुरोध है कि मेरी पुस्तक को अपनी जिंदगी समझ कर पढ़ें बहुत आनंद आएगा मैं दावा करती हूँ।

11) साहित्यपीडिया पब्लिशिंग से पुस्तक प्रकाशित करवाने का अनुभव कैसा रहा? आप अन्य लेखकों से इस संदर्भ में क्या कहना चाहेंगी?
बहुत अधिक ख़ुशी हुई है मुझे साहित्यपीडिया से जुड़कर ये अनुभव मेरे लिए बहुत ही लाभकारी रहा।

Category: Author Interview
Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 424 Views

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