“साक्षरता मिशन”
सरकार भी क्या योजनाएं बनाती है, अभी-अभी आई एक योजना ‘साक्षरता मिशन ‘ क्या ? सरकार वास्तव में साक्षरता लाना चाहती है या इस आड़ में और भी अधिक साक्षरता मिशन की तैयारी है क्यूं कि इस मिशन के लिए, जो शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त हैं को ही इस योजना का पूर्ण दायित्व सौंपा गया है अक्षर साथी को साक्षरता मिशन से ऐप के माध्यम से जोड़ना सत्यापित करना उसमें वक्त की बर्बादी अधिक हुई मिशन भी ऐसी विपरीत परिस्थितियों में शुरू किया गया, जब लोग अपनी फसलों को काटकर सुरक्षित कर रहे हैं अब ! सर्वे द्वारा साक्षर तो ढूंढ ले गए, लेकिन ,उनके सामने पढ़ने से अधिक जरूरी जीविकोपार्जन है जो कि उचित भी है । यह अभियान सरकार प्राथमिक स्तर पर क्यों नहीं चलाती? जहां पर बच्चे की साक्षरता व असाक्षरता शुरू होती है साक्षरता का बीज बच्चों के मन में वहीं क्यों नहीं रोपा जाता ,जब मैं देखती हूं कि बाजू के स्कूल की छुट्टी कभी भी हो जाती है ,तो बच्चे इधर उधर घूमते नजर आते हैं कुछ तो बहुत उपद्रवी बन जाते हैं जिसे असाक्षरता ही कहेंगे। बच्चे का विद्यालय में नामांकन होना काफी नहीं होता उसे विद्यालय में शिक्षा से परिचय कराना ही वास्तव में नामांकन है इस ओर किसी शिक्षक का ध्यान नहीं जाता यह शिक्षक का ही दोष है जो बुजुर्ग वर्ग व प्रौढ़ के लिए साक्षरता मिशन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । इसमें कहीं ना कहीं शिक्षक की जवाबदेह है। इन व्यक्तियों की परीक्षा ली जा रही है जिसे लेकर मेरे मन में बहुत गुस्सा है कि शाला में नामांकित छात्रों को छोड़कर यह काम करना पड़ रहा है ,क्योंकि समस्त दायित्व शिक्षक का ही है ऐसे में असाक्षरों को साक्षर कर साक्षरता लाई जा रही है और अप्रत्यक्ष रूप से साक्षरता मिशन हेतु नवसाक्षर तैयार किए जा रहे हैं जिन्हें साक्षरता मिशन में नामांकन दिया जा सके………