साइकिल
??साइकिल??♀
जागो-जागो हुआ सवेरा ,सूरज चमके बनके नूर,
नेता, अफसर, डाक्टर या हो मजदूर,
मैं साइकिल देता साथ सबका भरपूर।
बेटी हो या बेटा संग माता पिता चलाएं
मुझे जरूर।
सीखो और सिखाओ,
मिल के खूब चलाओ,
वन टरैक पर चलते जाओ
, दायें, बायें देख पैडल घुमाओ,
फिट हो के सबको दिखाओ,
साइकिल चलाओ, प्र दू ष न घटाओ।।
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अरुणा डोगरा शर्मा
मोहाली