Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2020 · 1 min read

सांसों में खुश्बू

हर सांसों में खुश्बू तुम्हारा होता है
हर शब्दों में नाम तुम्हारा होता है।

बात होती है जहां पर मोहब्बत की
वहाँ पर नाम हमारा होता है।

संजय कुमार✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपने मन के भाव में।
अपने मन के भाव में।
Vedha Singh
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
मेरा भारत
मेरा भारत
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
" पुराने साल की बिदाई "
DrLakshman Jha Parimal
■ जानवर बनने का शौक़ और अंधी होड़ जगाता सोशल मीडिया।
■ जानवर बनने का शौक़ और अंधी होड़ जगाता सोशल मीडिया।
*Author प्रणय प्रभात*
!! कुछ दिन और !!
!! कुछ दिन और !!
Chunnu Lal Gupta
.....★.....
.....★.....
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
क्या हक़ीक़त है ,क्या फ़साना है
क्या हक़ीक़त है ,क्या फ़साना है
पूर्वार्थ
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
Kumar lalit
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
Sanjay ' शून्य'
*अक्षय-निधि 【मुक्तक 】*
*अक्षय-निधि 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
2484.पूर्णिका
2484.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
Neelam Sharma
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी  किसी के साथ प्रेम ,  किस
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी किसी के साथ प्रेम , किस
Seema Verma
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
Sukoon
-मंहगे हुए टमाटर जी
-मंहगे हुए टमाटर जी
Seema gupta,Alwar
फरियादी
फरियादी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-237💐
💐प्रेम कौतुक-237💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वो साँसों की गर्मियाँ,
वो साँसों की गर्मियाँ,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
आज़ाद पंछी
आज़ाद पंछी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
यकीन
यकीन
Dr. Kishan tandon kranti
गीत
गीत
दुष्यन्त 'बाबा'
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
Srishty Bansal
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
छूटा उसका हाथ
छूटा उसका हाथ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ज़िंदगी से शिकायत
ज़िंदगी से शिकायत
Dr fauzia Naseem shad
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...