सांवरिया रे…
सावरिया रे
मोरे अंगना में आओ जी
अब नैनन प्यास बुझाओ जी
हम
पुष्प बिखेरत , दिए जलावत
सखियन संग गीत गावत
आँगन खूब सजायो जी
सावरिया रे
आंगन अब महकाओ जी
आज अंगना में मोरे आओ जी
यह
चंद्र चमकत , बाट जोहत
क्षण क्षण ताकत ,हमसे पूछत
कब लग पिया तोरे आयो री ?
सावरिया रे
इन सभी न इतना छकाओ जी
देखो अंगना में मोरे आओ जी
तोरे सिमरन, तोरे ध्यान में
प्रकृति बावरी मिली जुली है
सब संग मिलि मंगल गावे जी
सावरिया रे
प्रेम राग सुनी आयो जी
आज अंगना में मोरे आओ जी