सांप
?✒️जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कई बार अपनों की ख़ुशी -झूटी मान मर्यादा -सामाजिक दबाव -रूढ़िवादिता-पुरानी परम्पराओं और बहुत से कारणों की वजह से हमें सांप की खाल ओढे हुए कुछ इंसानों को नहीं चाहते हुए भी दूध पिलाना पड़ता है जबकि हम जानते हैं की ये कभी भी मौका पाकर हमें ही डस सकते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब किन्हीं भी रिश्तों में दर्द -अहसास -भाव -आत्मीयता की जगह जरुरत ही सर्वोपरि बन कर रह जाये तो रिश्ते समझौते मात्र बन कर रह जाते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की पैसा पास होना ही व्यापार की सफलता की गारंटी नहीं है ,अक्सर पैसे वाले अपनी या अपने उत्पाद की कमियां जानते हुए भी अपने कर्मचारियों की सलाह को दरकिनार करते हुए ,उन्हें हमेशा अनुभवहीन जताते हुए या उनकी सही बात को भी अपने तरीके से ही सही साबित करते हैं जिससे उनका अहम संतुष्ट हो सके और अक्सर वो अपने आज की छोटी बचत के लिए कल के बड़े फायदे को गँवा देते हैं…,
आखिर में एक ही बात समझ आई की अक्सर हर रिश्ता मैं सही तू गलत की वजह से ही अलगाव की वजह बनता है …!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?