साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
लड़ते सारे शौक से, अपनी-अपनी जंग।
चक्र-व्यूह में हों सभी, द्वार भले ही बंद।
क्यों हारें हम हौसला, कृष्ण हमारे संग।
सूर्यकांत
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
लड़ते सारे शौक से, अपनी-अपनी जंग।
चक्र-व्यूह में हों सभी, द्वार भले ही बंद।
क्यों हारें हम हौसला, कृष्ण हमारे संग।
सूर्यकांत