मोबाइल
संचार का एक प्रतिनिधि ,
जगती में नूतन आया है ,
वत्सों की सबसे मनोहर ,
वह संचार मोबाइल है।
मोबाइल एक दूरभाष यंत्र ,
सब के हुनर की कद्र यहाँ ,
कितने लाचारों, बेबसों को ,
मंजिल तक पहुँचाया इसने।
खाना – पीना छोड़ सकते लोग ,
पड़ न छोड़ सकते मोबाइल को ,
इतनी गहरी संबंध क्यों इससे ?
कुछ दूरियाँ इसमें लाओ ,
तभी चैन की नींद पाओ।
अब घर बैठे – बैठे ही मनुज ,
मोबाइल के माध्यम से ,
दैनिक जीवन के सभी समान ,
उपलब्ध करवा लेते हैं।
जिसमें ज्ञान का भंडार है ,
जिसमें हुनर की कद्र हो ,
जीवन की अनंत सीख सम्प्राप्ति ,
वह संचार मोबाइल है ।
देश – विदेश की घटना को ,
घर बैठे जानते सब मनुष्य ,
इसकी सहायता से मनुष्य ,
उन्नति की ओर अग्रसर है।
इन्हीं से होती हमारी पहचान ,
देश विदेश के अनजान लोगों से ,
स्वंय बिना प्रत्यक्ष होकर भी ,
देश – विदेश का आनंद लेते हम।
मोबाइल से हित ही नहीं प्रत्युत,
होता इससे हमारा अहित भी है ,
कलेवर में वायरस का आगमन ,
चक्षुविहीन पर इसका वश पड़ता ,
अहित की प्रचुर बड़ी निशानी है।
आजकल मनुजों को सबसे विपुल ,
अनिवार्यता होती तो मोबाइल की ,
इसके बगैर एक लम्हा रहना भी ,
मनुजों को निरर्थक – सा लगता है।
✍️✍️✍️उत्सव कुमार आर्या