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4 Oct 2023 · 1 min read

सही सलामत आपकी, गली नही जब दाल

सही सलामत आपकी,गली नही जब दाल l
राजनीति की खेल दी, नई और इक चाल I
नई और इक चाल, . देश टूटे तो टूटे ।
मजहब का इक और , नया गुब्बारा फूटे।
इन्हें नहीं ये ज्ञान, आ गई अगर कयामत ।
नहीं रहेगी कौम, एक फिर सही सलामत ।।
रमेश शर्मा

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