Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2024 · 1 min read

सही समय पर, सही “पोज़िशन” नहीं ले पाना “अपोज़िशम” की सबसे बड़ी

सही समय पर, सही “पोज़िशन” नहीं ले पाना “अपोज़िशम” की सबसे बड़ी कमज़ोरी।

👌प्रणय प्रभात👌

1 Like · 130 Views

You may also like these posts

शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
सजल
सजल
seema sharma
राही आंगे बढ़ते जाना
राही आंगे बढ़ते जाना
राकेश पाठक कठारा
2541.पूर्णिका
2541.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*विवेक*
*विवेक*
Rambali Mishra
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
*बुज़ुर्गों ने कहा है*
*बुज़ुर्गों ने कहा है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
#हरिहर मेरे राम जी
#हरिहर मेरे राम जी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
विचार और भाव-1
विचार और भाव-1
कवि रमेशराज
हवा तो थी इधर नहीं आई,
हवा तो थी इधर नहीं आई,
Manoj Mahato
.: विधा सयाली छंद
.: विधा सयाली छंद
पं अंजू पांडेय अश्रु
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
Manisha Manjari
लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा
लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा
Kanchan Alok Malu
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
Sandeep Thakur
"हाल "
Dr. Kishan tandon kranti
तुम बिन जीवन
तुम बिन जीवन
Saraswati Bajpai
झरोखे की ओट से
झरोखे की ओट से
अमित कुमार
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
बेमेल शादी!
बेमेल शादी!
कविता झा ‘गीत’
दहेज एक समस्या– गीत।
दहेज एक समस्या– गीत।
Abhishek Soni
बहुत फुर्सत मै पढ़ना आनंद आ जायेगा......
बहुत फुर्सत मै पढ़ना आनंद आ जायेगा......
Rituraj shivem verma
भूल गया कैसे तू हमको
भूल गया कैसे तू हमको
gurudeenverma198
Jeewan
Jeewan
Gunjan Sharma
मैं बसंत
मैं बसंत
Meenakshi Bhatnagar
लपेट कर नक़ाब  हर शक्स रोज आता है ।
लपेट कर नक़ाब हर शक्स रोज आता है ।
Ashwini sharma
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
Dushyant Kumar
पलकों पे जो ठहरे थे
पलकों पे जो ठहरे थे
Dr fauzia Naseem shad
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
Ranjeet kumar patre
Loading...