सही राह दिखाओ…
सही राह दिखाओ…
कभी कभी, किसी से मिलकर,
दिल उदास हो जाता है,
लोगों को मायूस करने का हुनर,
जाने उन्हें, कैसे आता है.
लोग उनके पास, आस लेकर आते हैं,
ये बात वो समझ नहीं पाते हैं,
अपने औदे के गुरूर में,
सामने वाले को, नीचा दिखाते हैं.
पढाई लिखाई, और ऊंचा पद,
घमंड करने के लिए नहीं है,
ये बात वो समझ ही नहीं पाते हैं,
और
मगरूर होते चले जाते हैं.
मेरी सबसे दरख्वास्त, यही है,
आप सब, जरूर आगे बढें,
मगर साथ साथ, औरों की,
जिंदगी भी आसान करें ..
अकेले बढने की ख्वाइश में,
सिर्फ अपना ही भला होगा,
एसे में तो, समाज को, नया रास्ता,
दिखाने वाला, कोई नहीं होगा..
अगर बात, समझ में आयी है तो,
अमल में भी लाओ,
अपने साथ साथ,
जो तुमसे, उम्मीद लगाते हैं,
उन्हें भी सही राह दिखाओ.