Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2022 · 1 min read

सही-ग़लत की परिभाषा

आप माने या न माने
सही-ग़लत की परिभाषा अक्सर
हमारी व्यक्तिगत इच्छा
और हमारी सोच पर आधारित होती है,
जिसके परिणाम स्वरुप जो
हमारे दृष्टिकोण से सही होता है
वो सही और जो ग़लत होता है
वो ग़लत हो जाता है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
8 Likes · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
Rj Anand Prajapati
देशभक्ति जनसेवा
देशभक्ति जनसेवा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
Rituraj shivem verma
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
सत्य कुमार प्रेमी
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
मातर मड़ई भाई दूज
मातर मड़ई भाई दूज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
झूठी हमदर्दियां
झूठी हमदर्दियां
Surinder blackpen
बधाई का गणित / मुसाफ़िर बैठा
बधाई का गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
आर.एस. 'प्रीतम'
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
9. पोंथी का मद
9. पोंथी का मद
Rajeev Dutta
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जुगुनूओं की कोशिशें कामयाब अब हो रही,
जुगुनूओं की कोशिशें कामयाब अब हो रही,
Kumud Srivastava
आईना
आईना
Sûrëkhâ
अ-परिभाषित जिंदगी.....!
अ-परिभाषित जिंदगी.....!
VEDANTA PATEL
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
VINOD CHAUHAN
Loading...