सहारा
हम सभी जिंदगी में सहारा चाहते हैं।
उम्मीद और आशाओं के साथ रहते हैं।
तेरे मेरे सपनों में एक-दूसरे का सहारा हैं।
चाहत और मोहब्बत में हम सभी जीते हैं।
सहारा भी जिंदगी में सच एक जरूरत हैं।
हां सच तो यही बस एक तुम और हम हैं।
हम सभी सहारा बनकर साथ निभाते हैं।
सात फेरे और एतबार ए एहसास होते हैं।
कुदरत और विधि विधान का सहारा होता हैं।
हम सभी अहम् वहम में जीवन के साथ रहते हैं।
सच तो तेरी यादों में हम सहारा तुझे बना लेते हैं।
बस आंखों में नमी और दिल ए एहसास जगाते हैं।
आज आधुनिक परिवेश में सहारा झूठ फरेब हैं।
जीवन के रंगमंच पर किरदार बस हमारे रहते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र