सहारा पा लिया हमने
सहारा पा लिया हमने
जो तेरी आरजू थी तो किनारा पा लिया हमने
बिना मांगे ही जो तेरा सहारा पा लिया हमने
मिरे गुरवर की ऐसी कृपा मिली ये जो मुझको है
कि अपनी हैसियत से भी जियादा पा लिया हमने
दरख्तों ने कहा इक दिन मिला क्या काट के मुझको
रहो अब बिन हवा के तुम की बदला पा लिया हमने
किताबों में यही अक्सर पढ़ा है इश्क़ की मंजिल
अगर मिल जाये तो बस ठिकाना पा लिया हमने
झुकी नजरें उठी महफ़िल में यूँ उस रोज जो उनकी
मुहब्बत का उसी पल ही इशारा पा लिया हमने
आरती लोहानी
कुराली,मोहाली