Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2021 · 1 min read

सहमति

✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब किसी भी गलत परिस्थिति में हर कोई आपको टाल रहा हो या बेवजह के बहाने बना रहा हो उस वक़्त जो सच्चे ह्रदय से आपका साथ दे -उन्हें कभी भी नहीं भूलना चाहिए …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जरा सोच कर देखिये की लोहे का सरिया बड़ी से बड़ी ईमारत -पुल को सम्हालता है और एक समय बाद जंग लगने पर उसकी हालत ..अब जरा सोचिये आपके 25-50 साल के माता पिता और आज 60-90 साल के झुके कंधे ,लड़खड़ाते कदम ,धुंधला सा देखती आँखें …Kindly respect जिंदगी में सब कुछ मिल जायेगा पर ये जंग खाकर गिर गए तो …

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कई बार इंसान को उसके सीधेपन और अच्छाई की भी ऐसी सजा मिलती है की वो बेगुनाह होते हुए भी गुनहगार हो जाता है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की किसी भी रिश्ते के टूटने पर जरूरी नहीं की कोई एक गलत ही हो ,कई बार दोनों अपनी अपनी जगह पर सही होते हैं पर आपसी सहमति नहीं बना पाने की वजह से भी रिश्ता छिटक जाता है …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
Rachana
अलमस्त रश्मियां
अलमस्त रश्मियां
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Happy Father's Day
Happy Father's Day
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज
Rj Anand Prajapati
हर समय आप सब खुद में ही ना सिमटें,
हर समय आप सब खुद में ही ना सिमटें,
Ajit Kumar "Karn"
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
गीत
गीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" फौजी "
Dr. Kishan tandon kranti
धरा और हरियाली
धरा और हरियाली
Buddha Prakash
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पंकज बिंदास कविता
पंकज बिंदास कविता
Pankaj Bindas
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
Shashi kala vyas
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
gurudeenverma198
भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
हार से भी जीत जाना सीख ले।
हार से भी जीत जाना सीख ले।
सत्य कुमार प्रेमी
दबे पाँव
दबे पाँव
Davina Amar Thakral
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
प्रबल वेग बरसात का,
प्रबल वेग बरसात का,
sushil sarna
वरदान है बेटी💐
वरदान है बेटी💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कर लो कभी
कर लो कभी
Sunil Maheshwari
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
Ranjeet kumar patre
लोगों को जगा दो
लोगों को जगा दो
Shekhar Chandra Mitra
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
*झाड़ू (बाल कविता)*
*झाड़ू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुझ से ऐ जालिम
तुझ से ऐ जालिम
Chitra Bisht
दोहा
दोहा
*प्रणय*
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Agarwal
Loading...