सहने की तमन्ना।
जालिम जिंदगी तू खूब सितम ढाले मुझ पर।
हम भी तुझे सहने की तमन्ना हरदम रखते है।।
तुझको हम भी बन करके एक दिन दिखाएंगे।
क्योंकि हम भी दुआ ए मां में हरदम रहते है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
जालिम जिंदगी तू खूब सितम ढाले मुझ पर।
हम भी तुझे सहने की तमन्ना हरदम रखते है।।
तुझको हम भी बन करके एक दिन दिखाएंगे।
क्योंकि हम भी दुआ ए मां में हरदम रहते है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍