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25 Apr 2018 · 1 min read

सस्ता है ईमान

सिक्के मंहगे हो गए, ……….सस्ता है ईमान !
निजी स्वार्थ में बिक गईं, कलमें और जुबान !!

नैतिकता गायब हुई ,… सुबक रहा ईमान !
भौतिक सुख की चाह मे, गिरा खूब इंसान !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 217 Views
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