सस्ता है ईमान
सिक्के मंहगे हो गए, ……….सस्ता है ईमान !
निजी स्वार्थ में बिक गईं, कलमें और जुबान !!
नैतिकता गायब हुई ,… सुबक रहा ईमान !
भौतिक सुख की चाह मे, गिरा खूब इंसान !!
रमेश शर्मा
सिक्के मंहगे हो गए, ……….सस्ता है ईमान !
निजी स्वार्थ में बिक गईं, कलमें और जुबान !!
नैतिकता गायब हुई ,… सुबक रहा ईमान !
भौतिक सुख की चाह मे, गिरा खूब इंसान !!
रमेश शर्मा