– ससुराल चली
मां की लाड़ो
पापा की गुड़िया
मायका का आंगन
छोड़कर….आज
ससुराल चली
आंखों में आसूं
दिल उदासी लिए
रीति-रिवाज से
अपने पिया संग
अपना घर छोड़
ससुराल चली
बचपन की यादों को
दिल के एक कोने में
छुपा लिए….
ससुराल चली
भाई बहन का हंसी ठिठोली
चाची ताई के लाड़ प्यार को….
छोड आज…
लाड़ो ससुराल चली
कभी पापा को
कभी मां निहारती,
आंखों के आंसू को
छिपाती…
उनकी लाड़ो ससुराल चली
सखी सहेली से दूरी
आज उसे अखरी
ससुराल में न जाने
किसके साथ करेंगी
वो इतनी मसखरी
वो प्यारी सखी आज
अपना गांव छोड़कर
प्रदेश चली…
पिया संग ससुराल चली।
– सीमा गुप्ता