सवैया
नारद की सुन बात हिमालय , बेफिक्र गौर विवाह रचाने
तारक लीन भयेत समाधिन , भास न हो शिव को जन आने
आतुर भाव भई गिरिजा नित , फूलन जा भगवान चढाने
लीन उमा सखियों संग धीर धरे , शशिशेखर रोज मनाने
नारद की सुन बात हिमालय , बेफिक्र गौर विवाह रचाने
तारक लीन भयेत समाधिन , भास न हो शिव को जन आने
आतुर भाव भई गिरिजा नित , फूलन जा भगवान चढाने
लीन उमा सखियों संग धीर धरे , शशिशेखर रोज मनाने