*सवाल*
सवाल
ऐ ख़ुदा एक सवाल पूछना है तुझसे, और शिकायत करना छोड़ देना है आज से।
दिया तूने ही, जो मैने मांगा,
किया वह जो मेरे लिए बेहतर था,
लिया वह जो मेरे लिए न था,
दिल कई बातों पर परेशान होता है, .
ना जाने यह सवाल क्यूं मन मे सवाल आता है !
शिकायत नहीं यह सवाल है,
तेरे अलावा कोई नहीं मेरा दूजा ।
क्यू यह ख्वाब मेरे न हुये ?
क्यूं यह दिल एक न हुआ,
क्यूं यह दुनिया अलग है?
क्यूं यह सब चीजों का मोल स्थिर न हुआ,
यह सवाल है खुदा तुझसे यह शिकायत नहीं,
यह दिल के अल्फाज़ हैं।
यह कोई अरमान नही ,
यह न इच्छा है ना आकांक्षा यह तो सब सवाल हैं….
नौशाबा जिलानी सुरिया