सवर्ण पितृसत्ता / MUSAFIR BAITHA
सवर्ण पितृसत्ता, सवर्ण सत्ता और धर्मसत्ता के विरोध के बिना कोई भी स्त्रीवाद और पितृसत्ता विरोध फालतू की कसरत है।
और, मुझे लगता है, इकट्ठे ये तीनों विरोध करने का गुर्दा प्रगतिशील से प्रगतिशील समझे जाने वाले किसी सवर्ण स्त्री–पुरुष में इस धरती पर नहीं हो सकता।