सवर्ण पितृसत्ता, सवर्ण सत्ता और धर्मसत्ता के विरोध के बिना क
सवर्ण पितृसत्ता, सवर्ण सत्ता और धर्मसत्ता के विरोध के बिना कोई भी स्त्रीवाद और पितृसत्ता विरोध फालतू की कसरत है।
सवर्ण पितृसत्ता, सवर्ण सत्ता और धर्मसत्ता के विरोध के बिना कोई भी स्त्रीवाद और पितृसत्ता विरोध फालतू की कसरत है।