सलीन पर लटके मानवता के मसीहा जीसस के स्वागत में अभिव्यक्ति
दिल बड़ा दिन बड़ा बनाया मानवता जीवन छोड़ा
पच्चीस बारह जीसस जन्मे जन जन का तन मन मोड़ा
जन्म सदा न्योछावर माना दीन दुखित के थे रखवाले
पथ जीवन का पर सुख देखा जनहित देखा में थे मतवाले
छमा दया सत सबका माना अपने पन का पाठ पढ़ाया
गाल कोई कर दे प्रहार झट गाल तुरत ना हड़काया
दुखित हृदय के हमदम बनते दुःख दर्दो का नाता तोड़ा
पच्चीस बारह जीसस जन्मे जन जन का तन मन मोड़ा
जिनके हो अधिनायक उनको सादर दी जानें की आस
भौतिक भी साथ मगर हो प्रेम भाव की भी रास
विश्व बने परिवार सभी पूजित हों ईश्वर के प्यारे
कहीं न हो टकराव वो जीतें सब मिलकर न हारें
विजय दिवस अब इसे बनायें भेद भाव न हो थोड़ा
पच्चीस बारह जीसस जन्मे जन जन का तन मन मोड़ा