सलाम भी क़ुबूल है पयाम भी क़ुबूल है
ग़ज़ल
सलाम भी क़ुबूल है पयाम¹ भी क़ुबूल है
नवाज़िशें² क़ुबूल इंतक़ाम³ भी क़ुबूल है
जो ग़म दिये हैं ज़िंदगी ने दी ख़ुशी भी तो बहुत
सहर⁴ क़ुबूल है मुझे तो शाम भी क़ुबूल है
भटकते दर-ब-दर तुम्हारे मयकदे⁵ में आ गए
सुकून की तलाश थी ये जाम भी क़ुबूल है
किया है मैंने फ़ैसला बिकूँगा मैं तेरे लिए
लगेगा जो भी मोल अब वो दाम भी क़ुबूल है
जो प्यार से पुकार कर ‘अनीस’ तुमने कह दिया
ख़िताब⁶ है मेरे लिए ये नाम भी क़ुबूल है
-अनीस शाह ‘अनीस ‘
1.संदेश 2.मेहरबानी 3.बदला 4.सबेरा 5.मदिरालय 6.उपाधि